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आख़िर नीतीश और BJP का साथ कब तक? जानिए तारीख़

इसमें कोई शक नहीं है कि बिहार की सियासत में पिछले दो दशक से सिर्फ़ और सिर्फ़ नीतीश कुमार की चलती है। इन दो दशकों में उन्हें सत्ता की कुर्सी से दूर रख पाना विरोधियों के लिए टेढ़ी खीर साबित हुआ है। और नीतीश कुमार अपनी सहूलियत के हिसाब में बार बार समीकरण बदलते हुए सत्ता पर कुर्सी पर बैठे हुए हैं। कभी RJD और कभी BJP इन दोनों दलों की बदलौत नीतीश कुमार लगातार सत्ता में बने हुए हैं। और इस बार उन्हें RJD का दामन छोड़ कर बीजेपी का हाथ थामा हैं। 28 जनवरी 2024 को नीतीश कुमार ने लालू यादव की पार्टी का दामन छोड़कर बीजेपी के साथ नौवें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली।

आख़िर BJP के साथ कब तक?

सबसे बड़ा सवाल यही है कि आख़िर इस बार नीतीश कुमार कितने दिन, कितने महीने या फिर कितने साल तक बीजेपी के साथ बने रहेंगे। क्या उन्होंने बीजेपी का दामन सिर्फ़ लोक सभा चुनाव के लिए ही थामा है। क्योंकि बीजेपी के साथ लोक सभा चुनाव लड़ने पर जेडीयू को फ़ायदा हो सकता है। और ये देखा भी गया है कि लोक सभा चुनाव से पहले नीतीश कुमार हर समय पाला बदलने का खेल खेलने में माहिर है। और कयासों के मुताबिक़ नीतीश कुमार बिहार विधान सभा चुनाव से पहले एक बार फिर आरजेडी के साथ जा सकते हैं। और इस बारे में प्रशांत किशोर भी भविष्यवाणी कर चुके हैं।  और नीतीश कुमार जिस तरह से सियासी गेम खेल रहे हैं उससे यही कयास लगाए जा रहे हैं कि बिहार विधान सभा का चुनाव होने से पहले नीतीश कुमार बीजेपी का दामन छोड़कर आरजेडी के समर्थन से 10वीं बार बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ ले सकते हैं।

आख़िर कब कब पलटे नीतीश?

  1. 1994- लालू यादव की पार्टी जनता दल से अलग हुए
  2. 1994- जॉर्ज फ़र्नांडिस के साथ मिलकर समता पार्टी बनाई
  3. 2003- समता पार्टी का JDU में विलय हो गया
  4. 2005 से 2013 तक BJP-JDU की सरकार में मुख्यमंत्री बने
  5. 2014- BJP से अलग होकर RJD से हाथ मिलाया
  6. 2015- RJD, कांग्रेस के साथ मिलकर चुनाव लड़े
  7. 2017- RJD का दामन छोड़कर BJP से हाथ मिलाया
  8. 2022- BJP से अलग होकर RJD से हाथ मिलाया
  9. 2024- RJD से अलग होकर BJP के साथ मिलकर सरकार बनाई

यानी साफ़ है कि नीतीश कुमार हर चुनाव से पहले अपना गेम बदलते रहे हैं। अपने फ़ायदे के हिसाब से नए नए गठबंधन करते रहे हैं। उन्होंने नरेंद्र मोदी को चुनौती देने के लिए इंडिया गठबंधन भी बनाया था। लेकिन जब उसमें उन्हें सम्मान नहीं मिला तो उन्होंने खुद ही बीजेपी के साथ जाकर नौ महीने से पहले ही इंडिया गठबंधन का गला घोंट दिया। और अब वो बीजेपी के साथ मिलकर बिहार के मुख्यमंत्री बने हैं।

 

 

 

 

 

The Hindi Post
Author: The Hindi Post

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